Sample Story- फोन पर साधु को बोला गोरखपुर और पटना में करो ब्लास्ट, लखनऊ से जुड़े तार, दो गिरफ्तार
फोन कॉल करने वाले शख्स ने साधु से कहा था कि तुम्हारे पास दो एके-47 हैं। ग्रेनेड व असलहे लेकर पटना जाओ। पटना व गोरखपुर में ब्लास्ट करो।
Background
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में उस वक्त सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए थे जब एक कॉल में धमाकों की बात कही गई। दरअसल, अयोध्या में रहने वाले एक साधू के फोन पर कॉल आई, फोन करने वाले शख्स ने पटना व गोरखपुर में ब्लास्ट किये जाने की बात कही। साधु ने फोन कॉल की जानकारी पुलिस को दी। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो नंबर लखनऊ का निकला।
पुलिस के हत्थे चढ़े दो आरोपी
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने जब गहन छानबीन की तो अवैध इंटरनेट कॉलिंग रैकेट का पूरा गिरोह ही सामने आ गया। एटीएस ने दो आरोपियों को लखनऊ के विभूतिखंड इलाके से धर-दबोचा है। फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि साधु के नंबर आई कॉल किसकी थी और कहां से की गई थी।
पटना व गोरखपुर में ब्लास्ट करो
बता दें कि अयोध्या में रहने वाले एक साधु के पास दो अप्रैल को आई कॉल उनके मोबाइल में रिकॉर्ड हो गई है। आइजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि कॉल करने वाले शख्स ने साधु से कहा था कि तुम्हारे पास दो एके-47 हैं। ग्रेनेड व असलहे लेकर पटना जाओ। दो और नाम भी लिए और कहा कि उनकी मदद से पटना व गोरखपुर में ब्लास्ट करो। यह सुनकर साधु घबरा गए।
हाथ लगे अहम सुराग
माना जा रहा है कि यह कॉल किसी अन्य शख्स के लिए थी, जो गलती से साधु के नंबर पर चली गई। छानबीन के दौरान यह भी पता चला है कि जिस नंबर से कॉल आई थी, उस पर अंशु यादव ने लखनऊ में एयरटेल की पीआरआइ लाइन ले रखी है। एटीएस ने गुरुवार को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम फील्ड यूनिट के साथ अंशु यादव के विभूतिखंड स्थित घर पर जाकर छानबीन की। इसी दौरान पता चला कि पीआरआइ लाइन व सर्वर के जरिए फेक कॉलिंग कराई जा रही थी।
किराए के मकान में चल रहा था गोरखधंधा
यहां से इंटरनेशनल गेटवे को बाइपास कर विदेश से आने वाली अवैध इंटरनेट कॉलिंग का रैकेट संचालित हो रहा था। एटीएस ने सीतापुर के ग्राम गौरियाखुर्द निवासी अंशु यादव व जौनपुर के ग्राम देहुआ निवासी अनिल कुमार यादव उर्फ आशीष को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी विभूतिखंड में मकान किराए पर लेकर गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे।
कौन है शामिल
पूरे मामले पर अधिकारियों ने बताया कि आरोपी विदेश की इंटरनेट कॉल्स को वॉइस कॉल में बदलकर देश के किसी भी नंबर पर बात कराते हैं। जिसमें डिस्प्ले पर विदेशी नंबर के बजाए भारत का नंबर नजर आता है। ऐसी कॉल गेटवे के जरिये नहीं आती हैं। यह रैकेट कब से संचालित हो रहा था। इसमें और कौन-कौन लोग जुड़े हैं। ऐसे कई बिंदुओं की जांच जारी है। आने वाले वक्त में मामले को लेकर बड़े खुलासे भी हो सकते हैं।
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