लोकसभा चुनाव: यूपी की 14 सीटों पर कुल 54.82 प्रतिशत मतदान
आज लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यूपी में 14 जगहों पर वोट डाले जाएंगे. जिन 14 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी वो हैं- सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही.
रहा है. जौनपुर के मछली शहर (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर 11:00 बजे तक 22.11% मतदान होने की खबर है.
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आज लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यूपी में 14 जगहों पर वोट डाले जाएंगे. जिन 14 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी वो हैं- सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही.
सबसे पहले बात करते हैं सुल्तानपुर की. सुल्तानपुर से बीजेपी की उम्मीदवार हैं मेनका गांधी. पहले वे पीलीभीत से सांसद थीं और वरुण गांधी सुल्तानपुर से, लेकिन इस बार पार्टी ने दोनों की सीटें आपस में बदल दी हैं. मेनका का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार संजय सिंह और गठबंधन के उम्मीदवार चंद्रभद्र सिंह से है.
प्रतापगढ़ में मुकाबला काफी खास है. यहां से कांग्रेस के टिकट पर रत्ना सिंह, बीजेपी के टिकट पर संगमलाल गुप्ता, गठबंधन के उम्मीदवार अशोक त्रिपाठी और जनसत्ता पार्टी के अक्षय प्रताप सिंह मैदान में हैं. यहां अपना दल का भी प्रभाव है और वो बीजेपी को समर्थन कर रहा है.
फूलपुर में लोकसभा उपचुनाव में राजनीतिक इंजीनियरिंग हुई थी और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. 2019 में एक बार निगाहें फिर से फूलपुर सीट पर हैं. फूलपुर में बीजेपी ने केशरी देवी पटेल को मैदान में उतारा है तो वहीं गठबंधन ने पंधारी यादव को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस के उम्मीद पंकज पटेल हैं.
इलाहाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी ने रीता बहुगुणा जोशी को मैदान में उतारा है. गठबंधन ने यहां से राजेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया है और कांग्रेस ने योगेश शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी उम्मीदवार रीता बहुगुणा यहां से महापौर भी रह चुकी हैं. बीजेपी की कोशिश यहां कुंभ के दौरान हुए विकास कार्यों का श्रेय लेने की भी है.
अंबेडकरनगर में बीजेपी और गठबंधन के बीच सीधी टक्कर है. कांग्रेस ने यहां पर फूलन देवी के पति उम्मेद निषाद को टिकट दिया था लेकिन उनका पर्चा खारिज हो गया था. बीजेपी ने यहां से मुकुट बिहारी वर्मा को मैदान में उतारा है और गठबंधन ने यहां से रितेश पांडेय को उम्मीदवार बनाया है.
श्रावस्ती लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दद्दन मिश्रा चुनाव मैदान में हैं और कांग्रेस ने धीरेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बताया है. वहीं गठबंधन ने राम शिरोमणि वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. 2014 में बीजेपी के दद्दन मिश्रा ने सपा के अतीक अहमद को हरा कर चुनाव जीता था.
डुमरियागंज में जगदंबिका पाल हैट्रिक लगा पाएंगे या नहीं? 2009 में वे कांग्रेस के टिकट पर जीते थे और 2014 में बीजेपी के टिकट पर. अब 2019 में वे दोबारा बीजेपी की ओर से प्रत्याशी हैं. कांग्रेस ने चंद्रेश उपाध्याय और गठबंधन ने आफताब आलम को मैदान में उतारा है.
बस्ती लोकसभा सीट से 2014 में बीजेपी के हरीश चंद्र द्विवेदी को जीत मिली थी. पार्टी ने एक बार फिर द्विवेदी को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने राजकिशोर सिंह को मैदान में उतारा है तो वहीं गठबंधन ने यहां से राम प्रसाद चौधरी को प्रत्याशी बनाया है.
संतकबीर नगर सीट पर पहले चुनाव 2009 में हुए थे और बीएसपी के भीष्मशंकर तिवारी को जीत मिली थी. 2014 में बीजेपी के शरद त्रिपाठी विजेता बने. इस बार बीजेपी ने प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा है. निषाद पार्टी का बीजेपी में विलय हो गया था और गोरखपुर से बीजेपी को हरा कर सांसद बने प्रवीण निषाद अब बीजेपी के झंडे तले मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस के भाल चंद्र यादव और गठबंधन के भीष्मशंकर तिवारी मैदान में हैं.
लालगंज लोकसभा सीट पर 1996 से सपा और बसपा ही काबिज रहे. 2014 में बीजेपी की नीलम सोनकर ने इस सीट को जीत लिया. इस बार बीजेपी ने दोबारा नीलम सोनकर को मैदान में उतारा है. गठबंधन ने संगीता आजाद और कांग्रेस ने पंकज मोहन सोनकर को टिकट दिया है.
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं. यहां से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने उनके सामने भोजपुरी सिनेमा के स्टार दिनेश यादव उर्फ निरहुआ को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है.
जौनपुर से बीजेपी ने सांसद कृष्ण प्रताप सिंह को एक बार फिर से मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने देवव्रत मिश्रा और गठबंधन ने श्याम सिंह यादव को टिकट दिया है. 2014 में बीजेपी यहां से आसानी से जीत गई थी लेकिन इस बार गठबंधन का जोर पूरे यूपी में दिखाई दे रहा है. देखना होगा कि बीजेपी की ''लहर'' कायम रहेगी या फिर जनता बदलाव करेगी.
मछलीशहर में 2014 में बीजेपी जीती थी और राम चरित्र निषाद सांसद बने थे. बीजेपी ने इस बार यहां से बीपी सरोज को उम्मीदवार बनाया है और गठबंधन ने त्रिभुवन राम को प्रत्याशी बनाया है. जनअधिकार पार्टी के उम्मीदवार प्रो.अमरनाथ पासवान को कांग्रेस का भी साथ मिला हुआ है.
भदोही में बीजेपी ने रमेश बिंद को मैदान में उतारा है. गठबंधन ने रंगनाथ मिश्रा और कांग्रेस ने रमाकांत यादव को मैदान में उतारा है. 2014 में बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त यहां से सांसद बने थे.
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