Poll of Polls 2019: एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत, जानें- क्या कह रहे हैं आंकड़े
Exit Polls 2019 Live: एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है। वहीं, यूपीए एक बार फिर बहुमत से पिछड़ती दिख रही है। यूपीए को इस बार 130 सीटें मिलती दिख रही हैं। अन्य के खाते में 135 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सभी सीटों का एग्जिट पोल, देखने के लिए ABPGanga.com पर भी विजिट करें।
Background
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण में यूपी की 13 सीटों पर मतदान खत्म हो गया है। मतदान के खत्म होने के साथ ही सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। इस बार कौन मारेगा बाजी और किसकी बनेगी केंद्र में सरकार? इस सभी सवालों के जवाब 23 मई को काउंटिग के साथ देश को पता चल जाएंगे। हालांकि, एबीपी गंगा पर देखिए, लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) का सटीक एग्जिट पोल।
बता दें कि 7वें और अंतिम चरण की वोटिंग खत्म होते ही एग्जिट पोल आ गए हैं। इसी के साथ एबीपी गंगा पर एग्जिट पोल की नॉन स्टॉप कवरेज भी शुरू हो जाएगी। जिसमें दिल्ली की रास्ता तय करने वाला उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सभी लोकसभा सीटों का पूरा विश्लेषण होगा, साथ ही अनुमानित नतीजे भी बताए जाएंगे।
कहां-कहां देख सकते हैं एग्जिट पोल?
- आप तक एग्जिट पोल के नतीजों को पहुंचाने के लिए ABP गंगा ने खास तैयारी की है। टीवी के साथ-साथ आप एबीपी गंगा के एप और ABPGanga.com पर भी एग्जिट पोल नतीजों को देख सकते हैं।
- इसके साथ ही यूट्यब पर भी आप एबीपी गंगा के एग्जिट पोल की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।
ओपीनियन पोल और एग्जिट पोल में अंतर
ओपीनियन पोल मतलब लोगों की रायशुमारी...जो मतदान से पहले कराया जाता है। जिसमें वोटरों से आने वाले चुनावों में वो किन मुद्दों और किस पार्टी को तरजीह देंगे आदि बातों की जानकारी ली जाती है। जबकि एग्जिट पोल चुनाव में मतदात कर बाहर आ रहे वोटरों से सवाल-जवाब के आधार पर तय होता है। इसलिए, चुनावों से पहले हर मीडिया संस्थान आपको ओपीनियन पोल दिखाता है, जबकि चुनावों के बाद एग्जिट पोल के आंकड़ें दिखाए जाते हैं।
एबीपी ने नीलसन इंडिया के साथ सर्वे किया है। नीलसन ने 12 अप्रैल से 19 मई तक के आंकड़े जुटाए हैं। इसका सैंपल साइज 93,241 है, जो इसे काफी हद तक विश्वसनीय बनाता है। पहले चरण से छठे चरण तक 266 संसदीय सीटों पर पोस्ट पोल किया गया जबकि आखिरी चरण में 36 संसदीय सीटों पर एग्जिट पोल का सैंपल लिया गया। एक संसदीय क्षएत्र में तीन विधानसभा सीटों को चुना गया था। हर विधानसभा सीट में आठ में से पांच पोलिंग बूथों को चुना गया। हर पोलिंग बूथ पर 12-13 लोगों से बातचीत की गई।
मतदाताओं से इस तरह के सवाल पूछे गए
लोकसभा चुनाव 2019 में आपने किस पार्टी को वोट दिया?
पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में आपने किस पार्टी को वोट दिया था?
ये संस्थाएं कराती है एग्जिट/ओपीनियन पोल
सी वोटर, हंसा रिसर्च, सीएसडीएस, निल्सन, लोकनीति, चाणक्य जैसी संस्थाएं एग्जिट पोल और ओपीनियन पोल आयोजित करवाती हैं। इनकी अपनी टीम होती है, जो हर लोकसभा सीट के हिसाब से रणनीति बनाती है। यहां तक की कई स्तरों पर प्रत्येक लोकसभा सीट को बांटा जाता है। जो कि विधानसभा सीटों, उम्र वर्ग, शहरी-ग्रामीण, आदि आधारों पर वोटर का विभाजन करते हैं। इसके बाद सैंपल साइज यानी की सर्वे में शामिल होने वाले लोगों की कुल संख्या देखी जाती है।
अमूमन सैंपल साइज की संख्या 1500 से 50,000 तक होती है।
1960 में भारत में तैयार हुआ एग्जिट पोल का खाका
कई देशों में एग्जिट पोल का चलन 1940 के दशक से शुरू होने लगा था, जबकि भारत में एग्जिट पोल का खाका 1960 में तैयार हुआ। इसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (CSDS) ने तैयार किया था।
यहां पर LIVE देखिए, सटीक एग्जिट पोल
लाइव टीवी: https://www.abpganga.com/live-tv
एबीपी गंगा वेबसाइट: https://www.abpganga.com/
यूट्यूब: https://www.youtube.com/c/ABPGanga
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